मूक रहो कुछ ना बोलो, तब भी सब समझ ही जाते हैं हम नही समझते हैं कुछ भी, ये सोच के सब इठलाते हैं मूक रहो कुछ ना बोलो, तब भी सब समझ ही जाते हैं हम नही समझते हैं कुछ भी, ये सोच...
दोनों आँखों की पुतली में अपने प्रेम की ज्योति जलाए रखना ! दोनों आँखों की पुतली में अपने प्रेम की ज्योति जलाए रखना !
बलात्कार जिस्म का ना बल्कि मन का मेरे बार-बार हुआ, बलात्कार जिस्म का ना बल्कि मन का मेरे बार-बार हुआ,
चाहत होती हर एक पिता की, छुए उच्च शिखर उसकी संतान। चाहत होती हर एक पिता की, छुए उच्च शिखर उसकी संतान।