छिपा लेते हैं गम अपना नमी आंखों में रह्ती है. छिपा लेते हैं गम अपना नमी आंखों में रह्ती है.
भला करुंगी क्या अपना तन वापस पाकर कहो, अगर फिर हुई तिरस्कृत तो क्या होगा जिसने वचन भरे थे, उसने ही... भला करुंगी क्या अपना तन वापस पाकर कहो, अगर फिर हुई तिरस्कृत तो क्या होगा जिसने...