कर्मों की गठरी लिए अनजान सफर में चलती जिंदगी। कर्मों की गठरी लिए अनजान सफर में चलती जिंदगी।
सूख गये हैं कुएँ खो गया अब ताल। सूख गये हैं कुएँ खो गया अब ताल।
आंखों में थोड़ी नमी क्यों है ? कोई ज़रा मुझे बता दें, आखिर ऐसा क्यों है ? आंखों में थोड़ी नमी क्यों है ? कोई ज़रा मुझे बता दें, आखिर ऐसा क्यों है ?
सैद्धांतिक मानसिक तार्किक ज्ञान, सनातन धर्म में कर्मफल प्रधान।। सैद्धांतिक मानसिक तार्किक ज्ञान, सनातन धर्म में कर्मफल प्रधान।।
और हम स्वयं एक अंश जो बनाता है हमें अहम् ब्रह्मास्मि। और हम स्वयं एक अंश जो बनाता है हमें अहम् ब्रह्मास्मि।