अरे मूढ, चेत अब वरन बाद मे पछताओगे पोछ न लेगा आंसू कोई जब जब इसे बहाओगे। अरे मूढ, चेत अब वरन बाद मे पछताओगे पोछ न लेगा आंसू कोई जब जब इसे बहाओगे।
आत्ममिलन जो इस तन से हो, वह मणि बंध हो ।। आत्ममिलन जो इस तन से हो, वह मणि बंध हो ।।
सैद्धांतिक मानसिक तार्किक ज्ञान, सनातन धर्म में कर्मफल प्रधान।। सैद्धांतिक मानसिक तार्किक ज्ञान, सनातन धर्म में कर्मफल प्रधान।।