आज उम्र ने चुपके से आकर दी दस्तक द्वार खड़का कर. आज उम्र ने चुपके से आकर दी दस्तक द्वार खड़का कर.
यदि किया होता जो प्रेम तो क्या जा बसते द्वारिका देश यदि किया होता जो प्रेम तो क्या जा बसते द्वारिका देश