अगर दिलरुबा नियत शौक ए धोखा फरेब गवेद अगर दिलरुबा नियत शौक ए धोखा फरेब गवेद
हम तो बहकने लगे हैं, तेरी मोहब्बत है।। बादल बरसने लगे हैं, तेरी मोहब्बत है हम तो बहकने लगे हैं, तेरी मोहब्बत है।। बादल बरसने लगे हैं, तेरी मोहब्बत है
खुद को खुदी से कब तक बचा लूँ जाऊँ फिर किसी सफ़र पर खुद को खुदी से कब तक बचा लूँ जाऊँ फिर किसी सफ़र पर