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बे वफा ए तंगअस्त दिल ए दीदनी दारद
केह बे वफा ए दिल इश्क कलबानी दारद
( बे वफा का छोटा सा दिल देखने की चीज है
केह बे वफा होने के बाद भी दिल लगाने का शौक रखता है
यानी की बे वफा होकर भी किसी से वफा की उम्मीद रखता है )
नक्श ए राह ए इश्क़ हिला ए फरेब मिपरस
केह इश्क ए बा कमाल यक ब यक फनी दारद
( फरेब ए इश्क का नक्श राह में हीले बनाती है
जब की इश्क ऐसी चीज़ है केह एक के बाद एक फन का कमाल रखता है
यानी की इश्क की राह का मकाम बा वफा ए इश्क़ ही बता सकता है )
अगर दिलरुबा नियत शौक ए धोखा फरेब गवेद
हजर सेवए ऊ अमा अज आं इख्तनाबिं कुनद
( अगर दिलरुबा धोखा और फरेब की नियत रखता है तो उससे दूरी इख्तियार करो उससे दूरी रखना ही बेहतर है
यानी की इश्क ए बा वफा में बे वफा होना राह ए इश्क नहीं )
न हसन ए राह दीदानी न दुरुस्त ए अक्ल पौष
राह ए इश्क गुजरत बा दर्द अस्त दिल ए गनी दारद
( न तो इश्क की राह दिखाने वाला न तो अक्ल दुरुस्त करने वाला है हसन
में इश्क की राह से दर्दो के साथ गुजरा हूं लेकिन दिल गनी रखता हूं
यानी की गलत अक्ल और गलत राह से खुद गुज़र गए हो तो दिल बड़ा रखो और सब को दुरुस्त रास्ता दिखाओ )
