भारी कदमों तले रौंदी जाती नैतिकता रोज़ गर्त में मिली मानवता पाशविक बनती सोच।। भारी कदमों तले रौंदी जाती नैतिकता रोज़ गर्त में मिली मानवता पाशविक बनती...
कुनीति चरम पर फैली खाती नीति को नोच। कुनीति चरम पर फैली खाती नीति को नोच।
देवी तू क्यों इतनी लाचार है तू अन्नपूर्णा, तू शारदा, तू पद्मावती, तू वीरांगना, तेरी कोख से जीवन... देवी तू क्यों इतनी लाचार है तू अन्नपूर्णा, तू शारदा, तू पद्मावती, तू वीरांगन...