भारी कदमों तले रौंदी जाती नैतिकता रोज़ गर्त में मिली मानवता पाशविक बनती सोच।। भारी कदमों तले रौंदी जाती नैतिकता रोज़ गर्त में मिली मानवता पाशविक बनती...