फिर ये क्यों घृणा, तिरस्कार, क्यों मुझे है आत्म संताप ? फिर ये क्यों घृणा, तिरस्कार, क्यों मुझे है आत्म संताप ?
स्वयं राम भगवान को युद्ध भूमि में ना जाने कितनी बार छकाया और थकाया। स्वयं राम भगवान को युद्ध भूमि में ना जाने कितनी बार छकाया और थकाया।
किसी से नयन मिलते है, किसी से प्यार है होता। किसी की जान को लेकर, किसी से नयन मिलते है, किसी से प्यार है होता। किसी की जान को लेकर,