यादें तेरी। यादें तेरी।
ढलती उम्र से गुजरती स्त्री के भाव... ढलती उम्र से गुजरती स्त्री के भाव...
स्त्री-पुरुष संबंधों पर लिखी अर्पण कुमार की कविताएँ स्त्री-पुरुष संबंधों पर लिखी अर्पण कुमार की कविताएँ
दोपहर की प्रचंड किरणें यौवन की शक्ति दोपहर की प्रचंड किरणें यौवन की शक्ति
सोचता न था कभी ऐसे दिन भी आएंगे जब शरीर के सभी भाग मुरझा जायेंगे सोचता न था कभी ऐसे दिन भी आएंगे जब शरीर के सभी भाग मुरझा जायेंगे
विस्मृत कर दें कटुक पलों को, सदा प्रफुल्लित रखना है मन। विस्मृत कर दें कटुक पलों को, सदा प्रफुल्लित रखना है मन।