आखिर पाया है उन्होंने भी खोकर बहुत कुछ। आखिर पाया है उन्होंने भी खोकर बहुत कुछ।
इस जहां में हमसफर बन के मिलता ही कौन है इस जहां में हमसफर बन के मिलता ही कौन है
बिन सिफारिश के हकीमों ने न देखी नब्ज तक मर गए परिवार वाले हाथ मैं मलता रहा बिन सिफारिश के हकीमों ने न देखी नब्ज तक मर गए परिवार वाले हाथ मैं मलता ...