खुशियाँ मिलती थी आने दो आने में, मोटू-पतलू की बातें बतियाने में... खुशियाँ मिलती थी आने दो आने में, मोटू-पतलू की बातें बतियाने में...
मेरी चाह बस इतना है कि मैं आसमां में, आसमां के लिए उसके रूह बनकर उसमें जीता जाऊँ। मेरी चाह बस इतना है कि मैं आसमां में, आसमां के लिए उसके रूह बनकर उसमें जीता ...
चलो चलें सूरज के गाँव! चलो चलें अपने ही पाँव!! श्री शिवनारायण जौहरी विमल चलो चलें सूरज के गाँव! चलो चलें अपने ही पाँव!! श्री शिवनारायण जौहरी विमल