मंज़िल मिल ज़िन्दगी जंग जीत जाएगी रुत रुत आएगी कब ये रात रब से बंदगी कर जिन्दगी सवँर जाएगी । सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला प्रिय यामिनी जाएगी उत्कृष्ट रचना

Hindi जाएगी Poems