हमने सवेरे जी लिये और शामें ढलती छोड़ दीं फिर चराग़ों को बुझाके आँखे जलती छोड़ दीं हमने सवेरे जी लिये और शामें ढलती छोड़ दीं फिर चराग़ों को बुझाके आँखे जलती छोड...
हादसा हो तो गया तेरी गली, याद का पन्ना बहाना हो गया। हादसा हो तो गया तेरी गली, याद का पन्ना बहाना हो गया।
वैसे घर में चारपाई हूँ, बस दोहित की जाती हूँ, मैं एक नारी हूँ... वैसे घर में चारपाई हूँ, बस दोहित की जाती हूँ, मैं एक नारी हूँ...
क्या सहज मुझे अपना मान लोगे ? क्या मुझे तुम पहचान लोगे ? क्या सहज मुझे अपना मान लोगे ? क्या मुझे तुम पहचान लोगे ?
ओढ़ जामा इश्क़ का झूमूँ सदा बनके अमृत प्रीत सी झरती रहूँ। ओढ़ जामा इश्क़ का झूमूँ सदा बनके अमृत प्रीत सी झरती रहूँ।