इसी गुथी को सुलझाती रहती है वो ! हया का पर्दा कहीं सरक न जाए, इसी गुथी को सुलझाती रहती है वो ! हया का पर्दा कहीं सरक न जाए,
मैंने तुम्हारी आंखों में वफ़ा देखी है, मेरे प्रति छुपी, प्रेम की हया देखी है। नज़रें, जैसे कुछ कह ... मैंने तुम्हारी आंखों में वफ़ा देखी है, मेरे प्रति छुपी, प्रेम की हया देखी है। ...
इस फीकी तबस्सुम में लिपटे हुए हम कुछ खोने का ग़म कुछ पाने की आश में डूबे हुए हम। इस फीकी तबस्सुम में लिपटे हुए हम कुछ खोने का ग़म कुछ पाने की आश में डूबे हुए ह...