अब बारी है तुम्हारी अब तुम्हें करने है सबके ख्वाब जो पुरे। अब बारी है तुम्हारी अब तुम्हें करने है सबके ख्वाब जो पुरे।
इस फीकी तबस्सुम में लिपटे हुए हम कुछ खोने का ग़म कुछ पाने की आश में डूबे हुए हम। इस फीकी तबस्सुम में लिपटे हुए हम कुछ खोने का ग़म कुछ पाने की आश में डूबे हुए ह...