हे ! सैनिक महान हो तुम तुम इस वतन की रीढ़ हो तुम भारत माँ की जागीर हो तुम एकता की मिशाल हो तुम दु... हे ! सैनिक महान हो तुम तुम इस वतन की रीढ़ हो तुम भारत माँ की जागीर हो तुम एकता...
कौन है अपना, कौन पराया ये फर्क़ समझाते हैं। कौन है अपना, कौन पराया ये फर्क़ समझाते हैं।
उपलब्धियां नई वो हासिल करती सफलता का डंका बजा रही उपलब्धियां नई वो हासिल करती सफलता का डंका बजा रही
दर्द होते हुए भी आँसू बहा नहीं पाते, जीना चाहते हैं, मगर जी नहीं पाते। दर्द होते हुए भी आँसू बहा नहीं पाते, जीना चाहते हैं, मगर जी नहीं पाते।