शशी की उज्जवल किरणें मदमाती झूमती खेलती यूँ निशा संग करती अठखेलियाँ बोलती खोलो दिल. शशी की उज्जवल किरणें मदमाती झूमती खेलती यूँ निशा संग करती अठखेलियाँ बो...
बरसात में जो थी तुम आयी भींगे होंठो से जो तुम मुस्कायी बरसात में जो थी तुम आयी भींगे होंठो से जो तुम मुस्कायी
पर समय बीत जाने पर इस पश्याताप का कोई अर्थ नहीं! पर समय बीत जाने पर इस पश्याताप का कोई अर्थ नहीं!
जब तुम मुस्करा कर मेरी बाहों के दरमियाँ समा जाती थी. जब तुम मुस्करा कर मेरी बाहों के दरमियाँ समा जाती थी.
रात की ठोड़ी पर बैठे चाँद का झिलमिलाना तुम्हारे रुख़सार की याद दे गया.. रात की ठोड़ी पर बैठे चाँद का झिलमिलाना तुम्हारे रुख़सार की याद दे गया..
आसमान का एक तारा तोड़ना था मुझे। आसमान का एक तारा तोड़ना था मुझे।