खाक हिन्दीकविता hindikavita आओ चलें घूम लें हम भी रोबोट नहीं इंसान बनें हम खामोश वो हमको खाक करने आये थे निज पथ का राख 52weekswritingchallenge वो हमको राख करके चलें गए सामाजिकता दृढ़ निश्चय सुनहरी रेत चमकता सूर्य परिवर्तन शाश्वत सत्य मिलाते ज्ञान नंगे पाँव चलें नव पथ चलें प्रकृति की ओर

Hindi चलें Poems