इश्क़ का कोई पैमाना नहीं था, पर इश्क़ अपनी हर अदा में ज़ाहिर था। इश्क़ का कोई पैमाना नहीं था, पर इश्क़ अपनी हर अदा में ज़ाहिर था।
मां देखो! गोल चपाती आज दादी लायी पास। मां देखो! गोल चपाती आज दादी लायी पास।
माँ के हाथों बनी वो चपाती है लुभाती सर्दियों में आंगन पर वो अलाव की गर्मी गर्मियों में खुले आसमान ... माँ के हाथों बनी वो चपाती है लुभाती सर्दियों में आंगन पर वो अलाव की गर्मी गर्म...