सांसों में भर लेती हूँ जी भर के वो महक और महकती रहती हूँ मैं भी तेरी यादों में। सांसों में भर लेती हूँ जी भर के वो महक और महकती रहती हूँ मैं भी तेरी ...
किस रिश्ते से ले आए हैं आप हमें गुलिस्तान से। क्या रिश्ता है हमारा आपसे ? किस रिश्ते से ले आए हैं आप हमें गुलिस्तान से। क्या रिश्ता है हमारा आपसे ?
खुदा के बारगाह से पैगाम आ रहा है, मेरा बरकत महीना माहे रमज़ान आ रहा है। खुदा के बारगाह से पैगाम आ रहा है, मेरा बरकत महीना माहे रमज़ान आ रहा है।
जिंदगी उसका दिया तिरोहित नज़राना है अदब रंग का पुरोहित खजाना है। जिंदगी उसका दिया तिरोहित नज़राना है अदब रंग का पुरोहित खजाना है।