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Sachin Singh

Others

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Sachin Singh

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रमज़ान

रमज़ान

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खुदा के बारगाह से पैगाम आ रहा है,

मेरा बरकत महीना माहे रमज़ान आ रहा है।

बेजुबान को भी ज़ुबान आ रहा है,

पढ़ने को कुरआन आ रहा है,

मेरा बरकत महीना माहे रमज़ान आ रहा है।।

सारे माह का बादशाह माहे रमज़ान आ रहा है,

लेने को खुदा हमारा एहतराम आ रहा है,

मेरा बरकत महीना माहे रमज़ान आ रहा है।

इफ्तार का अभियान आ रहा है,

अनजानों का भी पहचान आ रहा है,

मेरा बरकत महीना माहे रमज़ान आ रहा है।

खुशियों से भरा गुलदान आ रहा है,

एक साथ पूरा हिन्दुस्तान आ रहा है,

मेरा बरकत महीना माहे रमज़ान आ रहा है।


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