रमज़ान
रमज़ान
खुदा के बारगाह से पैगाम आ रहा है,
मेरा बरकत महीना माहे रमज़ान आ रहा है।
बेजुबान को भी ज़ुबान आ रहा है,
पढ़ने को कुरआन आ रहा है,
मेरा बरकत महीना माहे रमज़ान आ रहा है।।
सारे माह का बादशाह माहे रमज़ान आ रहा है,
लेने को खुदा हमारा एहतराम आ रहा है,
मेरा बरकत महीना माहे रमज़ान आ रहा है।
इफ्तार का अभियान आ रहा है,
अनजानों का भी पहचान आ रहा है,
मेरा बरकत महीना माहे रमज़ान आ रहा है।
खुशियों से भरा गुलदान आ रहा है,
एक साथ पूरा हिन्दुस्तान आ रहा है,
मेरा बरकत महीना माहे रमज़ान आ रहा है।
