मानवता समझ न पाया ये इंसां बेचारा। मानवता समझ न पाया ये इंसां बेचारा।
कब और कैसे मैं हिंदू और तुम मुसलमान हो गए ! कब और कैसे मैं हिंदू और तुम मुसलमान हो गए !
'चेहरे पे हँसी, मन तेरा मैला, मैला तू अंदर,आइना क्या देख रहा, तू डुब खुद के अंदर।' दुसरो की बार्ट कर... 'चेहरे पे हँसी, मन तेरा मैला, मैला तू अंदर,आइना क्या देख रहा, तू डुब खुद के अंदर...
जहाँ भगवान् भी मन्दिर, मस्जिद, गुरूद्वारा हो गया। जहाँ भगवान् भी मन्दिर, मस्जिद, गुरूद्वारा हो गया।