जो सच की राह पर चले जो सच की राह पर चले
गुब्बारे वाला, गुब्बारे वाला,
बेच रहीं , वो गुब्बारे, नौ साल की नन्ही जान थी!! बेच रहीं , वो गुब्बारे, नौ साल की नन्ही जान थी!!
रसिया-होरी की मधुर तान चैती-फगुआ की बोली है। रसिया-होरी की मधुर तान चैती-फगुआ की बोली है।
अपनी ऑंखों में.. उज्जवल भविष्य के.. अकल्पनीय खजाने ! अपनी ऑंखों में.. उज्जवल भविष्य के.. अकल्पनीय खजाने !
रोटी यूँ ही नहीं फूलती थी गुब्बारे सी रोटी यूँ ही नहीं फूलती थी गुब्बारे सी