हर हृदय में, केवल प्रेम ही प्रेम, हर हृदय में, केवल प्रेम ही प्रेम,
अनोखी होली का रंग खेले इस बार, कोई भी न रह जाये वंचित इस बार अनोखी होली का रंग खेले इस बार, कोई भी न रह जाये वंचित इस बार
हर किरदार में तुम ऐसी छाई, जैसे जिस्म साथ हो परछाई l हर किरदार में तुम ऐसी छाई, जैसे जिस्म साथ हो परछाई l
भोली हूं मैं, कुछ बहुत ही ज्यादा साहब, मुझ पर खेले हैं, कई शकुनी मामाओं ने दाव, भोली हूं मैं, कुछ बहुत ही ज्यादा साहब, मुझ पर खेले हैं, कई शकुनी मामाओं ने दा...