वो दरिया सूख गया, देकर बादलों को अपना पानी ऐ आँखें तू जरा खुल कर बरस वो दरिया सूख गया, देकर बादलों को अपना पानी ऐ आँखें तू जरा खुल कर बरस
फिर ना जाने क्यूं हर खुशी के पल को छोड़ के जीये जा रही हूं फिर ना जाने क्यूं हर खुशी के पल को छोड़ के जीये जा रही हूं
ताक पर है नमक मिर्च लोग बिगड़े या बनें ताक पर है नमक मिर्च लोग बिगड़े या बनें
जब मैं खुल कर हँसता हूँ। अच्छा दिखता हूँ। जब मैं खुल कर हँसता हूँ। अच्छा दिखता हूँ।
आज खुल गई मधुशाला हो गया सुन मैं मतवाला। आज खुल गई मधुशाला हो गया सुन मैं मतवाला।