सुहानी सुबह शीतल पवन उड़ने को मन चुप बैठी सुन्न। सुहानी सुबह शीतल पवन उड़ने को मन चुप बैठी सुन्न।
लेखन का महत्व समझ में आया, अब तक लिखना बदस्तूर जारी। लेखन का महत्व समझ में आया, अब तक लिखना बदस्तूर जारी।
क्योंकि छांव मिलते ही कदम रुकने लगते हैं। क्योंकि छांव मिलते ही कदम रुकने लगते हैं।