डियर डायरी 7/4/2020
डियर डायरी 7/4/2020
डियर डायरी
7/4/2020
समय रात्रि 11.30
सुहानी सुबह
शीतल पवन
उड़ने को मन
चुप बैठी सुन्न।
लाकडाऊन 14वाँ दिन
समय बीते गिन गिन दिन
रूटीन अब बन गया हर दिन
सोच लेती क्या करना अगले दिन।
तीन दिनों से चल रही गोष्ठी
आज का दिन किया आराम
न ज्यादा खाना पीना किया
एक वक्त फलाहार लिया।
सब कोटस आज सुबह लिख डाले
विश्व स्वास्थ्य दिवस मन से मना के
दिमाग चले हाथ में चाय लिए
मन से 5/6 कोटस लिखे ।
पता है सुबह स्कूल नहीं जाना
कभी जागो सोओ मन ने माना
पर आदतन वही 12 बज गए
हम अभी भी सोफे पर पसरे।
डायरी को करती हूँ अब बंद
कल फिर मिलेंगें है वादे के पाबंद
कल की सारी कहानी तब सुनाऊँगी
अब निंदिया की गोद में जाऊँगी।
