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दबी कुचली नारी भाग्य नारी मूर्ती नहीं इंसान है परी घर औरत पूजा आशा hindikavita मुकद्दर महकने निर्बल फूल अत्याचार नन्हीं सौभाग्य सामाजिक सच्चाई मसली मन दोहराती

Hindi कुचली Poems