खोला किवाड़ खाली मिला द्वार इधर उधर देखा कई बार देखा सभी ओर खोला किवाड़ खाली मिला द्वार इधर उधर देखा कई बार देखा सभी ओर
तोड़ कर भीतर की चुप्पी लबों पर लाती कुछ शब्द अनकहे से ! तोड़ कर भीतर की चुप्पी लबों पर लाती कुछ शब्द अनकहे से !
ठिठोली भी होती, लड़ाई भी होती, मुंह फुलाए ननद-भौजाई भी होती, ठिठोली भी होती, लड़ाई भी होती, मुंह फुलाए ननद-भौजाई भी होती,