चिंतन नहीं, मंथन नहीं, माकूल जवाब कोई देता नहीं। चिंतन नहीं, मंथन नहीं, माकूल जवाब कोई देता नहीं।
खुद को कसूरवार न समझ यह इल्तिजा है मेरी। खुद को कसूरवार न समझ यह इल्तिजा है मेरी।
"अहिंसक" आज फिर से कसूरवार हो गया शुक्रवार का नाम अब पत्थर वार हो गया ।। "अहिंसक" आज फिर से कसूरवार हो गया शुक्रवार का नाम अब पत्थर वार हो गया ।।
पछतावा भी हो गया हो तो क्या, आज नहीं तो कल फिर दोहराओगे पछतावा भी हो गया हो तो क्या, आज नहीं तो कल फिर दोहराओगे