रहते थे कभी पवित्र बंधन के भी चर्चे आजकल इश्क़ अंधा कम गंदा ज्यादा हो गया है। रहते थे कभी पवित्र बंधन के भी चर्चे आजकल इश्क़ अंधा कम गंदा ज्यादा हो गया है।
ये जमीं भी मेरी हैं। लक्ष्य मेरा अटल हैं... पथिक बढ़ते जाना हैं... ये जमीं भी मेरी हैं। लक्ष्य मेरा अटल हैं... पथिक बढ़ते जाना हैं...