चिंता क्या फायदा सपने मंजिल लक्ष सच करके दिख ना बन गुनहगार तू मुझपर ऐतबार करके तनहा शायर हु हिन्दीकविता hindikavita 52weekswritingchallenge थोड़ा थोड़ा खुद को संभाल रही बरसात सफर रोज चलते चलो प्रश्नों को पार करके मंजिल आगे ही है। सूफियाना सी बंदगी है और दुआएं उम्रभ ; कोशिश करके भी जाम ख़ाली ना रहा साकी।

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