सच्चाई की फसल तैयार करने के लिये ,बेचे जाते झूठ के बीज़। ख़रीद कर बोये जाते झूठ के बीज सच्चाई की फसल तैयार करने के लिये ,बेचे जाते झूठ के बीज़। ख़रीद कर बोये जाते झ...
पर... ये क्या हो गया मेरे गांव को ? क्या हुआ उस नीम की छांव को! पर... ये क्या हो गया मेरे गांव को ? क्या हुआ उस नीम की छांव को!
अब भी मन मस्तिष्क पटल पे, यादें हैं जो सुनहरी सी अब भी मन मस्तिष्क पटल पे, यादें हैं जो सुनहरी सी
मनुष्य बैठा है घरों में कैद कुदरत और प्राणी कर रहे कैसे ऐश। मनुष्य बैठा है घरों में कैद कुदरत और प्राणी कर रहे कैसे ऐश।
जब सामने हमें पाएगा। जब सामने हमें पाएगा।
दूसरों के लिए भी उगा जीवन सफल होगा कृत -कृत होगी तेरी धरती माँ ... I दूसरों के लिए भी उगा जीवन सफल होगा कृत -कृत होगी तेरी धरती माँ ... I