जो शोख कभी मेरी पहचान हुआ करते थे। जो शोख कभी मेरी पहचान हुआ करते थे।
नागरिक हतप्रभ सा लोकतंत्र के इस नाच को देख माथा कूट लेते नागरिक हतप्रभ सा लोकतंत्र के इस नाच को देख माथा ...
खो गया दिल उसके दीदार में, लेकिन नहीं उसे जँची मेरी वफा खो गया दिल उसके दीदार में, लेकिन नहीं उसे जँची मेरी वफा