तुम्हें तो न मंदिर मिला, मिली न मस्जिद कहने को आवाम तुम, बेवजह ही रह गये ! तुम्हें तो न मंदिर मिला, मिली न मस्जिद कहने को आवाम तुम, बेवजह ही रह गये !
हमारी आवाज़ छीन लेती है चीज़े दान करती है हमारी आवाज़ छीन लेती है चीज़े दान करती है
मरोड़ देंगे तेरी ऐसी गर्दन तू जिराफ हो जाएगा। मरोड़ देंगे तेरी ऐसी गर्दन तू जिराफ हो जाएगा।
जब सफ़ेद हो जाते है तो डाई ढूँढता है...! और जब काले रहते हैं तो लुगाई ढूँढता है। जब सफ़ेद हो जाते है तो डाई ढूँढता है...! और जब काले रहते हैं तो लुगाई ढूँढता ...
कौन कहता है मैं क़ैद हूँ? मैं क़ैद नहीं, मुस्तैद हूँ। कौन कहता है मैं क़ैद हूँ? मैं क़ैद नहीं, मुस्तैद हूँ।
धूप-दीप और नैवेद्य से पूजा मधुशाला है तन-मन और धन सब अर्पित बड़ी ही कमसिन देव हाला धूप-दीप और नैवेद्य से पूजा मधुशाला है तन-मन और धन सब अर्पित बड़ी ही कमसि...