चेष्टा हो नियत काल की पूर्ण करने का परिकल्प हो चेष्टा हो नियत काल की पूर्ण करने का परिकल्प हो
नहीं भूल पायेंगे वो पल वो एक दिन को, भेटकर रो लिये दोनों फ़िर क्या पता कल हो ना हो। नहीं भूल पायेंगे वो पल वो एक दिन को, भेटकर रो लिये दोनों फ़िर क्या पता कल हो ना ...
कार्य वक्त से करना सीख पाते घर के कार्य में हाथ वो बँटाते। कार्य वक्त से करना सीख पाते घर के कार्य में हाथ वो बँटाते।