अख़बार झूठ बेचते है अख़बार झूठ बेचते है
मैं हँस नहीं सकता बहुरूपियों की भाँति, झूठे आँसू बहा सकता नहीं किसी के शोक पर, मैं हँस नहीं सकता बहुरूपियों की भाँति, झूठे आँसू बहा सकता नहीं किसी के शोक पर,