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Kusum Joshi

Others

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ये मेरा भारत है

ये मेरा भारत है

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मेरे भारत की मिट्टी में कितनी खुशबू मिली हुई,

कई यहां संस्कृति और कई बोली घुली हुई,

इस मिट्टी में रस प्रेम धार झरने सी बहती है,

दुष्यंत-शकुंतला की गाथा इसके कण-कण में रहती है।


यहां प्रेम के वश में होकर कृष्ण भी रास रचाते हैं,

और मर्यादा की गाथा रचने राम भी वन को जाते हैं,

आरुणि जैसे शिष्य यहां और कर्ण से दीपक हैं,

बलिदान और संघर्षो का यहाँ अद्भुत संगम है।


इस मिट्टी में भक्ति का रूप अनूठा पलता है,

हर गोपी, राधा, मीरा से कृष्ण का रूप संवरता है,

जहां चावल की एक मुट्ठी में भगवान समाते हैं,

और शबरी से मिलने भगवान कुटिया में आते हैं।


आज भी जिस मिट्टी में बुद्ध की शिक्षा पलती है,

सत्य अहिंसा की वाणी बापू में मिलती है,

इतनी पावनता कि इस धरती में पत्थर भी भगवान हो जाता है,

वृक्ष, नदी, पर्वत, नभ, जंगल सबको पूजा जाता है।


माता -पिता के चरणों में यहां स्वर्ग सदा बसता,

और गुरु के आगे शिष्य सदा ही नतमस्तक रहता,

आदर्श और संस्कार यहां जीवन के परिचायक हैं,

हाथ जोड़कर ख़डे सदा भारत के सब नायक हैं।


नानक , बुद्ध, महावीर से संतों की धरती,

प्रताप शिवाजी जैसी वीरता भारत में ही पलती,

इतिहास के हर पन्ने में भारत एक स्वर्ण इबारत है,

इस धरती में सबसे अनुपम ये मेरा भारत है।।



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