ये हसीन ख़्वाब
ये हसीन ख़्वाब
1 min
263
देखा था हमने भी तो,
ये हसीन ख़्वाब।
रौशन हों ये वादियाँ ,
ख़ुशियाँ बिखेरे ये
महका गुलाब।
ना हो ज़िक्र भी तो,
घटा बूंद भर का।
बस चहकने को हो
सारी चिड़िया बेताब़।
ना छू सके ज़रा भी,
ये गहरा अंधेरा।
जगमगाये ये सूरज,
बस बिखेरे सवेरा।
ज़िन्दगी दे रही है,
शायद कुछ सवालों
के जवाब।
देखा था हमने भी तो,
ये हसीन ख़्वाब।
हर तरफ हो ख़ुशियाँ,
बस ना हो ग़म की छाँव।
देखा था हमने भी तो,
ये हसीन ख़्वाब।
