यादें
यादें
रह रह कर आ जाती है,
यादें कुछ जानी अंजानी।
दे जाती है मुस्कान फिर,
उदास भी तो कर जाती।
न जाने कितनी यादें है,
कुछ ताज़ा कुछ फ़ीकी है।
खो जाती हूँ कुछ पल को,
इन फ़ीकी सी यादों में।
जी लेती हूँ वो लम्हें,
फिर से जो थे यादों में।
ये फ़ीकी यादें ही तो है,
जो मेरी है अपनी हैं।
वर्ना असल जिंदगी तो,
कुछ और कहानी गाती है।
बड़ी सुहानी होती हैं,
बड़ी पुरानी होती है।
कोई भूली कहानी होती है,
ये यादें ही तो होती हैं।
जीवन का हिस्सा ये यादें,
कोई पुराना किस्सा यादें।
कुछ अच्छी कुछ तीखी यादें,
कुछ खट्टी कुछ मीठी यादें।
जैसी भी है जो भी है,
है मेरी ही अपनी यादें।
रह रह कर आ जाती है,
कोई कहानी गा जाती है।
कर जाती है बेचैन फिर,
ये यादें ही तो होती है।
इन यादों के साथ मुझे,
करनी है अब बसर ज़िंदगी।
रहेंगी हर पल साथ मेरे,
ये यादें फ़ीकी फ़ीकी सी।
कुछ है नयी कुछ है पुरानी,
ये यादें जानी अंजानी।
खोल जाती है पिटारा कोई,
दे जाती जो मुस्कान थी खोयी।
