पाखी
पाखी
नन्ही परी, पंख लिए,
आयी ज़मी पे उतर के।
हंसी यूँ तू बिखेरती है,
खुशियों की किलकारी लिए।
रंग नये भर दिए हैं
घर फिर से महका दिया है।
प्यारी पाखी मेरी चिड़िया,
तेरे नन्हे कदमों ने ये,
घर फिर से चहका दिया है।
सब के मन को भाये तू,
और तेरी ये नादानियां हैं।
पूरा बचपन याद दिलाये जो,
वो तेरी ये शैतनियां हैं।
चमक तेरी मुस्कान में जो ये,
बिन कहे कोई रह ना पाये।
जो ये प्यार भरी हैं आँखे तेरी,
दूर तुझसे कोई रह ना पाये।
बस हों पास तेरे हरदम,
जादू ऐसा कर दिया है।
दुलारी पाखी, प्यारी गुड़िया,
तेरी प्यारी आहटों ने,
प्यार इतना भर दिया है।
हँसते और मुस्कुराते हैं अब,
याद तुझको ही करके हम सब।
है एक पल भी जीना मुश्किल,
पास ना हो तू अगर अब।
जीना फिर सिखला दिया है,
एक वजह जीने की मिल गई है।
क्या कहूं अब मैं मेरी पाखी,
रहना पास अब तू सदा।
क्यूंकि ज़िंदगी की ये कहानी,
बहुत मुश्किल है अब तेरे बिना।
