यारों के नाम
यारों के नाम


दवा, दारु काम न आये,
जब यारों कमबख्त दोस्तों की
याद सताये,
दोस्ती एक पावन बंधन,
जिसका छल कपट से न
कोई संबंध।।
बचपन से जवानी तक
जवानी से बुढ़ापे तक,
दोस्त और दोस्तों के साथ
बिताये सारे पल
जिन्दगी को महका देते है,
एक अलग ही मज़ा देते है।।
साथ मिल कर खाना, खाना
थोड़ा बहकना और बढ़ा चढ़ा
कर बोलना
तू तड़ाक करना और फट से
गले लग जाना
स्मार्ट सा लड़का दिखे कोई तो,
जोर से चिल्लाना
अबे देख तेरा जिजा आया है,
और कोई सुन्दर सी लड़की
दिखे तो कहना
अबे अबे देख देख भाभीजी
कितनी सुन्दर लग रही है,
और मन ही मन मुस्कुराना।।
जब कोई दुख हो
तो, दोस्त का
दोस्त को बिन कहे ही सब
समझ जाना
और धीरे से कहना,अबे साले
बस इतनी सी बात,
तेरा ये दोस्त कब काम आएगा।
घबरा मत मैं हूँ ना
सिर्फ एक दोस्ती ही ऐसा रिश्ता है
जहाँ उम्मीदों का न कोई
जमावड़ा है
बस दिल से दिल और मन से मन
का मिलना है,
चेहरा देख कर दिल के हाल समझ
आते है
बिन कहे दोस्तों के दिलो के तार
दोस्तों से जुड़ जाते है।।
समय का पता नहीं चलता है यारों
जब कुछ समय के बाद अचानक से
बिछड़े दोस्त मिल जाते हैं
माहौल रंगीन हो जाता है
सारे कारनामे खुल कर फिर से
डिस्कस किये जाते है
साथ में मिलकर सब दोस्त जोरों से
खिलखिलाते है।।