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Kawaljeet GILL

Others

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Kawaljeet GILL

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याद तेरी आती है

याद तेरी आती है

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खत जो लिखते है पर भेजते नहीं


करनी थी तुमसे कुछ बातें दिल में हम रखते थे

उनको हम कलम से कागज़ पर उतारने लगे

दूर थे तुम हम से कैसे बताये राज़ दिल के

हर बात जो होती वो हम लिख कर रखने लगे


एक ऐसी दुनिया में जा बसे थे तुम मेरे

ओ जनमदाता

कि चाह कर भी तुमसे हम नहीं मिल सकते है

ख्वाबों में जब तुम आते हो हर खत हम तुम को

थमा देते है

अपने हर एक दर्द का एहसास तुम को करा देते है


आँखों के मेरे हर आँसू तुम अपने हाथों से पोंछते हो

नहीं हो तुम आस पास मेरे फिर भी तेरा साया

मेरे साथ है

ख्वाबों में ही आकर तुम मुझसे रोज मिल जाया करो

मेरे लिखे खतों को तुम पढ़कर जवाब मुझ को दे

जाया करो


लिखते है खत कई हम रोज़ और फाड़ देते है

क्योंकि है खबर हमको की कोई पता नहीं

मेरे पास कहा भेजू खत तुझ को

एक बार जो चला गया मिट्टी होकर इस जहां से 

वो लौट कर नहीं आएगा ना ही उसको हम

खत भेज पाएंगे


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