शायद हद से ज्यादा ही उसे चाहा था, तभी ये अंजाम हमें मिला था। शायद हद से ज्यादा ही उसे चाहा था, तभी ये अंजाम हमें मिला था।
अपने-अपने युद्ध हैं, अपने-अपने हैं व्यूह। अपने-अपने युद्ध हैं, अपने-अपने हैं व्यूह।
शब्द भी लिखे पुरुष के त्याग भाई के पवित्रता और निश्छल पिता के प्रेम पे। शब्द भी लिखे पुरुष के त्याग भाई के पवित्रता और निश्छल पिता के प्रेम पे।