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Nandita Tanuja

Others

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Nandita Tanuja

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वक़्त की सलाई पर...!!

वक़्त की सलाई पर...!!

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वक़्त की सलाई पर....दो फंदा एहसासों का...बुनाई के लिए डाला...

एक घर ख्वाहिशों का....दूजा घर आस के नाम....बना डाला...

विश्वास के फंदे को...एक दूजे से बांध....

चोटी पे चोटी...एक उल्टा तो कभी एक सीधा...

हर दिन-हर रात के साथ यादों के नाम चढ़ा डाला...

एक-एक घर...बढ़ता गया...

वक़्त की सलाई पर...एहसासों की बुनाई चलती रही

वक़्त का ताना-बाना बुनता गया...कभी घटाना- कभी बढ़ाना...

आस से कभी ख्वाहिशों को...कभी ख्वाहिशों को आस से मिलाना....

बढ़ती गयी हर आस पर गाँठ...देती गयी एहसासों को...

एक खूबसूरत आकार...सुंदर सा मन......सुंदर सी कलाकारी

वक़्त के सलाई पे...ज़िंदगी की बिनाई से...खूबसूरत रंग से के बने फंदे...

एक घर और प्रेम में बदल गए...आसमां के चंदा...का बटन टांका

एहसासों के बुनाई पर...खूबसूरत सी ज़िंदगी सजी...वक़्त के सलाई पर......!!



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