मर्यादा की बेड़ियों में, अब ना कहो कुढ़ने को। तोड़ कर ये बेड़ियाँ, आसमान से जुड़ने दो। मर्यादा की बेड़ियों में, अब ना कहो कुढ़ने को। तोड़ कर ये बेड़ियाँ, आसमान से...
वक़्त की सलाई पर..एहसासों की बुनाई चलती रही वक़्त की सलाई पर..एहसासों की बुनाई चलती रही