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Tinku Sharma

Children Stories Inspirational

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Tinku Sharma

Children Stories Inspirational

वो मेरे खिलौने ....

वो मेरे खिलौने ....

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गुड्डे गुडिया की शादी के खेल याद आते हैं,

मुझे वो बचपन के मेरे खिलौने याद आते है।


मेरी छोटी सी गुडिया अब हो गयी है स्यानी,

अब उसको दिन रात गुड्डे के ख्याल आते हैं।


दोपहर में खेलते वक़्त रहता था इन्तजार,

खिलौने वाले अब मेरी गली में कम आते हैं।


जो बनाते थे खेल खेल में मिट्टी के बरतन,

उनमें खाना खाने में बहुत स्वाद आते हैं।


कितना पवित्र रिश्ता था मेरे खिलौनों का,

आज इंसानी रिश्तों में लव जिहाद आते हैं।


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