वो गर्मियों के दिन
वो गर्मियों के दिन
लंबे इंतजार के बाद आने वाली गर्मी की छुट्टियां,
बहुत याद आती है,
मुझको तड़पाती है,
बेचैन कर जाती है,
वो पूरे परिवार का एक जुट होना,
मस्ती में डूब कर अपनी दुनिया में गुम होना,
वो बाग में आमों को तोड़ना,
वो बगीचे में मस्ती में गुम होना,
बहुत याद आती है,
मुझको तड़पाती है।
कभी इन छुट्टियों में पहाड़ों पर जाना,
कभी महलों कभी मंदिरों की सैर लगाना,
कभी नदियों समुद्रों के लहरों में मौज उड़ाना,
बहुत याद आती है,
मुझको तड़पाती है।
ये दो वर्षों से आया कोरोना का कहर,
संघर्षरत है हर दिल हर मन,
भय इतना मन में गहराया है,
खुद को घरों के अंदर छुपाया है,
काश कि वो पुरानी गर्मी फिर लौट आये,
बेफ़िक्र होकर हम मौज मनाये,
वो गर्मी बहुत याद आती है,
मुझे तड़पाती है।